बिहार डेस्क:- छपरा के पांच लड़के पटना में किराए का मकान लेकर रह रहे थे। इन लोगों ने मकान मालिक को बता रखा कि वे पढ़ने के लिए यहां आए हैं। मकान मालिक ने छात्र समझ कर इनको अपना घर तो किराए पर दे दिया, लेकिन जब पुलिस का छापा पड़ा तो अगल-बगल के लोगों के भी होश उड़ गए।
दीघा थाने की पुलिस ने शक के आधार पर इन्हें पकड़ा, लेकिन इनके पास मिली चीजों ने सभी की आंखें खोल दीं। इनके कमरे में पुलिस को कोई किताब तो नहीं मिली, लेकिन एक लोडेड पिस्टल और एक बिना नंबर की कार जरूर मिली। पुलिस का दावा है कि ये पांच लूट के अपराधों में शामिल रहे हैं।
पुलिस का दावा- बना रहे थे डकैती की योजना
दीघा थाने की पुलिस ने रविवार की रात जिन पांच बदमाशों को संदेह के आधार पर पकड़ थाने लेकर आई वह लुटेरे निकले। पांचों बदमाश दीघा में वाहन लूटते और फिर उसी वाहन का इस्तेमाल कर डकैती की योजना बना रहे थे। उनके पास से एक लोडेड पिस्टल और एक बिना नम्बर की कार मिली है। सभी की पहचान सारण के दिघवारा निवासी विङ्क्षलद कुमार, सारण के परसा निवासी रजनीश कुमार, सारण के मुफ्फसिल निवासी अमर कुमार उर्फ बाबा, डेरनी निवासी अमर कुअंर उर्फ रोहित और सारण के भेल्दी निवासी सुमित कुमार के रूप में हुई है। सभी को पत्थर गली स्थित संतोष के मकान से गिरफ्तार किया गया है। सभी संतोष के घर में किराए के कमरे में रह रहे थे। सिटी एसपी सेंट्रल अम्बरीश राहुल ने बताया कि सारण पुलिस से संपर्क कर सभी के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
दीघा में लगातार तीन वारदातें, पढऩे नाम पर लिया था कमरा
सिटी एसपी ने बताया कि दीघा में जनवरी में तीन बड़ी वारदातें हुईं। मूंगफली दुकानदार पर फायङ्क्षरग, दूसरी घटना में एक अन्य को गोली मारकर जख्मी कर दिया गया, जबकि तीसरी बड़ी वारदात दीघा-आशियाना रोड पर फ्लिपकार्ट सेंटर में 12 लाख की डकैती हुई थी। डकैती मामले में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित की गई है।
टीम अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। इसी क्रम में सूचना मिली कि कुछ दिनों से पांच संदिग्ध इलाके में कार से घूम रहे हैं। पुलिस ने संदेह के आधार पर उनके ठिकाने की जानकारी जुटाई और वहां पहुंच गई। पुलिस को देख पांचों कमरे से भागने लगे। पुलिस सभी को पकड़ थाने लेकर आई। पूछताछ में पहले तो सभी ने बताया कि वह प्रतियोगी परीक्षा के लिए पटना आए हैं, लेकिन उनके कमरे में किताब तक नहीं मिली। कमरे में एक लोडेड पिस्टल मिली।
मुजफ्फरपुर से खरीदी थी पिस्टल, कार के कागजात की जांच
पुलिस को संदेह हुआ कि कहीं इनकी भूमिका तो फ्लिपकार्ट डकैती में नहीं थी। जांच में पता चला कि यह दूसरा गिरोह है। पूछताछ में पता चला कि विङ्क्षलद गिरोह का सरगना है और बाबा उसका राइट हैंड है। गिरोह ने हाल ही में मुजफ्फरपुर से किसी तस्कर से पिस्टल खरीदी थी। हालांकि, किसी का अभी तक आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया है। कार किसकी है इसका सत्यापन किया जा रहा है।
इनपुट दैनिक जागरण
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