
सासाराम (रोहतास)। जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) से जुड़ा एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें विभाग के चार कर्मचारियों पर ₹2.20 करोड़ की सरकारी राशि गबन करने का आरोप है। यह मामला तब उजागर हुआ जब महालेखाकार (CAG) की रिपोर्ट में एमवी टैक्स और ई-चालान की वसूली के बाद राशि सरकारी खजाने में जमा न किए जाने की बात सामने आई।
सूचना के बाद परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग द्वारा चारों कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया, लेकिन किसी ने भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद डीटीओ रामबाबू ने सोमवार को नगर थाना में चारों कर्मचारियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई।
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आरोपित कर्मचारी कौन हैं?
जिन चार कर्मचारियों पर यह गंभीर आरोप लगा है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
अक्षय कुमार – डाटा एंट्री ऑपरेटर
अजय कुमार – डाटा एंट्री ऑपरेटर
अनिल कुमार – डाटा एंट्री ऑपरेटर
अनिल कुमार – प्रोग्रामर
इनमें से अक्षय कुमार और अजय कुमार पर 1.75 करोड़ रुपये और अनिल कुमार (दोनों) पर 55 लाख रुपये के गबन का आरोप है।
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क्या कहा डीटीओ ने?
डीटीओ रामबाबू के मुताबिक, चारों कर्मचारियों ने मोटर वाहन कर (MV Tax) और ई-चालान से प्राप्त राशि को सरकारी खजाने में जमा नहीं किया। सीएजी की रिपोर्ट के बाद जब विभाग ने जवाब मांगा, तो सभी ने टालमटोल किया और नोटिस का समुचित उत्तर नहीं दिया।
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जांच और कार्रवाई
एफआईआर दर्ज होने के बाद नगर थाना की पुलिस मंगलवार को डीटीओ कार्यालय पहुंची और पूछताछ शुरू की। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि चारों कर्मचारी फिलहाल स्थानांतरित हो चुके हैं और वर्तमान में अन्य जगहों पर कार्यरत हैं।
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प्रशासन की सख्ती की उम्मीद
इस गंभीर मामले ने एक बार फिर से सरकारी विभागों में वित्तीय अनियमितता और जवाबदेही की कमी को उजागर किया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो उच्च स्तरीय जांच के आदेश जल्द दिए जा सकते हैं और आवश्यक होने पर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) से भी जांच कराई जा सकती है।