सारण :- जिले के गड़खा प्रखंड एवं सीमावर्ती अन्य प्रखंड क्षेत्रों में नीलगायों की बढ़ती हुई संख्या से किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है। नीलगाय के आतंक से दर्जनों गांवों के किसान त्रस्त हैं।
बतादे की यह सिलसिला लंबे अरसे से चलता आ रहा है, लेकिन किसानों की परेशानी घटने की बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। बतादे की नीलगायों ने किसानों के द्वारा बोई गई फसलों को तबाह कर दिया है। इससे त्रस्त मिर्जापुर और श्रीपाल बसंत पंचायतों के सभी किसानों ने प्रशासन द्वारा नीलगायों से छुटकारा पाने और फसल को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाने से किसानो ने नाराज होकर विरोध प्रदर्शन किया।
किसान सुदेशी राम, कामेश्वर राय, जितेंद्र राय, कादिर अंसारी, सतन राम, राजू यादव, हरदेव महतो, देवीलाल महतो सहित अन्य किसानों का कहना था कि नीलगाय खेतों में लगी सभी फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दे रही है। बड़ी संख्या में किसानों ने तो नीलगायों के आतंक की वजह से खेतों में मक्के की बोवनी करनी तक बंद कर दी।
नीलगायों के आतंक से रात में कई किसान हाथ में टॉर्च लिए खेतों में खड़ी फसल की रखवाली करने को मजबूर हैं। खेतों में खड़ी फसल बचाने के लिए किसानो को करी मशक्कत करनी पर रही हैं। इसकी प्रमुख वजह यह है कि नीलगाय का झुंड फसल खाता कम है, लेकिन फसल पर दौड़कर नुकसान अधिक पहुंचाता है।