तरैया, सारण।
दीपों के त्यौहार दिवाली की तैयारी को लेकर सभी बाजारों व चौक-चौराहों पर कुम्हार समुदाय के लोग मिट्टी के दीए बनाकर बेचने शुरू कर दिए हैं। कुम्हार लोग दीपावली और छठ को लेकर काफी दिनों से मिट्टी के बर्तन बनाने में लगे हुए थे। उन्हें हर साल उम्मीद रहती है कि लोग दीपावली और छठ पर्व में मिट्टी के दीए से अपने घर को सजाएंगे। हालांकि पिछले दो सालों से उनके उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। पिछले दो साल से कोरोना काल में बाजारों में भीड़-भाड़ करना मना था। जिससे उनलोगों को दो वर्ष में आर्थिक रूप से क्षति हुई थी।
इस साल कुम्हारों ने उम्मीद जताया है कि दीपावली पर लोग मिट्टी के बर्तन खरीद कर अपने घरों को सजाएंगे और मिट्टी के बर्तन से ही छठ महापर्व का त्यौहार मनाएंगे। लेकिन इस तकनीकि युग में तरह-तरह के बिजली से चलने वाले लाइट व उपकरण कुम्हारों के उम्मीदों पर पानी फेर देते हैं। लोग मिट्टी के बर्तन को कम उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक्स बत्ती औऱ लाइटों का उपयोग कर रहे हैं। इस खबर के माध्यम से हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि लोग अपने घरों को सजाने के लिए चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक्स बत्ती और लाइटों का उपयोग न कर मिट्टी के बने दीए और बर्तनों का उपयोग करें, ताकि उन गरीब कुम्हारों के घर भी दीपावली का त्यौहार मन सकें।