कोंध पंचायत के रामपुररुद्र 161 गांव का टुटा सड़क संपर्क।
नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से छोड़ा गया लगातार पानी।
सारण पानापुर।
सारण तटबंध के निचले इलाकों में गंडक नदी का पानी अब मचाने लगा तबाही , गंडक नदी मे लगातार हों रही जलस्तर में वृद्धि ने रविवार को सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे रामपुररुद्र 161 , सारंगपुर , बसहिया, सोनवर्षा , सलेमपुर , पृथ्वीपुर आदि गांवों के सैकड़ों घरों को अपनी आगोश में ले लिया।
पानी की तेज धारा के कारण रविवार को सारण तटबंध से रामपुररुद्र 161 एवं सीमावर्ती तरैया प्रखंड के सगुनी गांव को जोड़ने वाला सड़क क्षतिग्रस्त हो गया। जिसकारण इन गांवों के लोगो का सड़क संपर्क टूट गया है।
रामपुररुद्र 161 गांव के लोगो के लिए अब नाव ही सहारा है।
हालांकि प्रशासनिक स्तर से एक नाव की व्यवस्था करा दी गई हैं जबकि पंचायत के मुखिया के द्वारा दो नाव की व्यवस्था कराई गई है। असमय आई बाढ़ के कारण सारण तटबंध के निचले इलाकों के सैकड़ों एकड़ में लगी धान की तैयार फसलों के अलावे मक्के , अरहर एवं सब्जियों की फसलें जलमग्न हो गई है। जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं।
किसानो का कहना है की बाढ़ ने सबकुछ बर्बाद कर दिया है।
जल संसाधन विभाग के एसडीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सारण तटबंध की सतत निगरानी की जा रही है। वही जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता कमलेश कुमार ने बताया कि वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज लेवल में कमी हुई है।
रविवार की सुबह दस बजे पानी का डिस्चार्ज लेवल एक लाख इकसठ हजार क्यूसेक पर आ गया है। उन्होंने बताया कि गंडक नदी का जलस्त फिलहाल स्थिर है। देर शाम के बाद जलस्तर में कमी होने लगेगी।