तरैया, सारण।
थाना क्षेत्र के हसनपुर बनिया हसनपुर गांव में चैत्र नवमी व दशमी के मौके पर लगने वाला घोड़ा लुटावन पुत्र पावन मेला सोमवार को सम्पन्न हो गया। गत दो वर्षों से लॉक डाउन के कारण मेला नहीं लग पा रहा था। इस बार मेले में रिमार्डतोड़ भीड़ उमड़ी थी। यह मेला कई वर्षों से लगते आ रहा है। जिसमें निषादों के देवता बाबा अमरनाथ की पूजा निषाद समाज के साथ ही अन्य लोगों द्वारा हर्षोल्लास के साथ की जाती है। बाबा अमरनाथ का यह स्थान तरैया के हसनपुर बनिया गंडक नदी तट पर स्थित है। इस मेले में दूरदराज के कई जिलों से श्रद्धालु आते हैं।
इस मेले की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कोई श्रद्धालु सच्चे मन से पूजा अर्चना कर स्थान पर चढ़ाये गए मिट्टी के घोड़ा को लूट कर ले जाता है और मन्नत मानता है। उसे लाल कपड़ा में लपेट कर रखता है। उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। मनोकामना पूर्ण होने पर उस लूट कर रखे गए मिट्टी के घोड़े का जोड़ा लगाकर वह मंदिर में जाकर लुटाता है। निःसंतान दंपति को पुत्र प्राप्ति होने पर एवं अन्य मनोकामना पूर्ण होने पर अगले साल मिट्टी के बने घोड़ा लाल कपड़ा में लपेटकर लुटाने की परंपरा है।
श्रद्धालुओं द्वारा हजारों की संख्या में मिट्टी का बना घोड़ा बाबा अमर नाथ को चढ़ाया जाता है। मान्यता के अनुसार निसंतान दंपति पुत्र प्राप्ति की कामना से बाबा अमरनाथ के दरबार में आती है। मन्नत मांग कर मिट्टी का बना घोड़ा लूटते है। मन्नत पूरी होने पर मेला में आकर घोड़ा का जोड़ा लगाकर लुटाते हैं।
हालांकि पिछले कई वर्षों से लगने वाले इस मेले का अब स्वरूप बदल रहा है। इसमें शामिल युवक व युवतियां लाइफ सेटेल करने के लिए घोड़ा लूटने आ रहे है। अब निःसंतान दंपतियों से अधिक युवक एवं युवतियां इस मेला में मन्नत मांगने के लिए आ रहे हैं। छपरा के अलावे सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली व पटना समेत अन्य जिलों से लोग इस मेला में आते हैं। सुरक्षा व्यवस्था में खुद थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह पुलिस बल के साथ तैनात थे।