सारण : बिहार विधान परिषद चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने भी कराए अपना नामांकन। चौंकिए मत यह वो लालू नहीं हैं। राजद सुप्रीमो के हमनाम यह लालू छपरा के मढ़ौरा नगर पंचायत के रहीमपुर के रहने वाले हैं। इनकी तारीफ यह है कि अब तक वार्ड सदस्य से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ चुके हैं।
अभी तक ये लालू प्रसाद एक भी चुनाव नहीं जीते।
अपने सामाजिक कार्यों और राजद सुप्रीमो के हमनाम होने की वजह से जाने जानेवाले लालू प्रसाद यादव खेती-किसानी से जुड़े हैं। मिडिया से बात करते हुए बताते हैं कि उनके चुनावी सफर की शुरुआत 2001 से हुई थी। उस वर्ष उन्होंने वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ा था। उसके बाद आज तक सभी चुनाव लड़ते आ रहे हैं। साल 2020 में एक साथ सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सीट के लिए और मढ़ौरा विधानसभा सीट से भी अपना नामांकन दाखिल किया था। अब उन्होंने बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन कराया है। ऊपर तस्वीर पर क्लिक कर आप उनका पूरा इंटरव्यू भी देख सकते हैं।
राबड़ी की हार की बन गए थे वजह
आपको बड़ा दे की 2014 के लोकसभा चुनाव में छपरा संसदीय क्षेत्र से यह लालू, पूर्व CM राबड़ी के खिलाफ मैदान उतरे थे। राबड़ी देवी राजद के चुनाव चिन्ह पर लड़ रही थीं, जबकि लालू निर्दलीय प्रत्याशी थे। हालांकि, इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी को जीत मिली थी। लेकिन लालू, तब राबड़ी देवी की हार के मुख्य कारण बन गए थे। राबड़ी देवी को करीब 8000 वोटों से राजीव प्रताप रूडी के हाथों शिकस्त मिली थी। इधर निर्दलीय लालू प्रसाद को 15 हजार के आसपास वोट मिले थे।
पिता ने किया था नामकरण, इंटर तक पढ़ाई कर छोड़ दिया
लालू ने बताया कि 15 सितंबर 1979 को जन्म के साथ ही पिता राम जन्म राय ने उनका नामकरण लालू प्रसाद यादव कर दिया। साल 1997 में इंटरमीडिएट तक पढ़ाई पूरी कर छोड़ दिए थे। हाल के दिनों में दुबारा पढ़ाई शुरू किए हैं। अभी ओपेन यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।