इंसाफ दिलाने के लिए एक भाई ने करीब 10 साल तक न्यायिक लड़ाई लड़ी और आखिर में उसको जीत भी मली. बहन के साथ हुए दुष्कर्म के खिलाफ आवाज उठाने वाले भाई ने कोर्ट में कई साल केस लड़ा, जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी विधायक को 25 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना लगाने का ऐलान किया.
सोनभद्र के दुद्धी विधानसभा से BJP विधायक रामदुलार गोंड पर एक युवती से रेप का आरोप लगा था. जब रामदुलार पर यह आरोप लगा था उस समय वह युवती नाबालिग थी.
विधायक रामदुलार गोंड ने नाबालिग से एक साल तक रेप किया था. जब लड़की शौच के लिए अपने घर से गई थी तो आरोपी विधायक ने पीड़िता से पहली बार रेप किया. रामदुलार ने एक साल के अंदर करीब 6 बार युवती के साथ इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया. जिसके बाद पीड़िता गर्भवती हो गई. विधायक ने इसके बाद फिर से लड़की के साथ दरिंदगी करनी चाही, लेकिन मौका देखते ही वह वहां से भागकर अपने भाई के पास पहुंच गई. पीड़िता ने पूरी घटना के बारे में अपने भाई को बताया जिसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचे.
मामले में जब पुलिस ने जांच करना शुरू किया तो उन्हें पर्याप्त सबूत मिले और उन्होंने विधायक के ऊपर POCSO के तहत केस दर्ज किया. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद आरोपी को जेल भी भेज दिया गया, लेकिन वह जल्द ही जमानत पर बाहर आ गया.
सबूत से की छेड़छाड़
रामदुलार अब विधायक बन चुका था तो उसने सबूतों से छेड़छाड़ करते हुए पॉक्सो एक्ट से खुद को बचाने के लिए पीड़िता का एक स्कूल से फर्जी सर्टिफिकेट बनवा दिया. लेकिन, पीड़िता जिस स्कूल में पढ़ी थी वहां के प्रिंसिपल ने कोर्ट में गवाही दी और असली सर्टिफिकेट दिखाए. इसके बाद विधायक की पोल खुल गई. पूरे मामले की सुनवाई के लिए 300 से भी ज्यादा तारीख लगी, क्योंकि आरोपी विधायक रामदुलार कोर्ट नहीं जाता था.
पिछले साल कोर्ट ने आरोपी विधायक के खिलाफ वारंट भी जारी किया था. पहले यह मामला पॉस्को कोर्ट में चला था, लेकिन आरोपी के विधायक बनने के बाद यह मामला एमपी/एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हो गया था.
पीड़िता की शादी के बाद भी करता था परेशान
विधायक की दबंगई यहीं नहीं रुकी. पीड़िता की शादी होने के बाद भी वह उसकी ससुराल तक जा पहुंचा था और केस को वापस लेने के धमकाता रहा. युवती के भाई ने कोर्ट को बताया कि रामदुलार गोंड मामले को वापस लेने की धमकी देता रहा. 10 साल की लड़ाई के बाद पीड़िता को इंसाफ मिला और आरोपी विधायक को सजा मिली.