चंपारण में रामगढ़वा थाना क्षेत्र के नरीरगिर गांव के समीप शुक्रवार की शाम पांच बजे ईंट भट्ठा का चिमनी ब्लास्ट होने से मलवे में दबकर सात लोगों की मौत हो गयी है। वहीं आठ लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए ।
जख्मी लोगों को इलाज के लिये रक्सौल के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। मृतकों में चिमनी मालिक इरशाद आलम(50) भी शामिल है।
डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने घटना में सात लोगों के मरने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अभी 10 के घायल होने की सूचना है। बचाव कार्य चलाया जा रहा है। रामगढ़वा एसएचओ इन्द्रजीत पासवान का कहना है कि एक शव की पहचान चिमनी मालिक के रूप में की गयी है। वहीं सात जख्मी लोगों में दो की पहचान हुई है। ब्लास्ट के बाद मलबे में अभी कुछ लोगों की दबने की आशंका है। मलवे को हटाया जा रहा है। जख्मी मजदूरों मेंआमोदई गांव के मोहम्मद नजीबुल्लाह व नरीरगिर गांव के मोहम्मद आलम गीर की पहचान हुई है। मोहम्मद नजीबुल्लाह का कहना है कि शाम चिमनी में भट्टी जलाने के लिए आग लगायी गयी। आग जलाने के बाद धुंआ चिमनी के ऊपरी तल पर गया। धुंआ चिमनी से निकलने के बाद मालिक समेत दस मजदूर एक साथ बैठकर धुंआ को देख रहे थे कि अचानक ब्लास्ट हुआ ।
ब्लास्ट के बाद चिपनी के ईंट भरभरा कर गिर गया। चिमनी के ईदगिर्द बैठे मजदूर उसकी चपेट में आ गये। जिसमें मौके पर चार लोगों की मौत हो गयी। वहीं दो लोग अस्पताल ले जाने के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के बाद वहां अफरातफरी का माहौल हो गया। चीख पुकार सुनकर गांव के लोग वहां दौड़कर पहुंचे। पुलिस को सूचना दी गयी। अस्पताल से एम्बुलेंस लाया गया और जख्मी लोगों को इलाज के लिये अस्पताल पहुंचाया गया। रक्सौल एएसपी के नेतृत्व में वहां पुलिस बल पहुंची है। ग्रामीणों के सहयोग से मलवा हटाने का कार्य जारी है। जिन मजदूरों की मौत हुई है वह विभत्स रुप से हुई है। किसी का सिर नहीं तो किसी का आधा टुकड़ा ही शव मिला। आमोदई गांव के सरपंच का कहना है कि चिमनी से धुंआ निकलने के बाद मालिक व मजदूर एक साथ बैठकर खुशी में मिठाई खा रहे थे कि विस्फोट हो गया। इस बीच यह घटना हुई तो कुछ क्षणों में माहौल मातम में बदल गया।