बिहार डेस्क:- परीक्षार्थियों के समर्थन में छात्र संगठनों ने 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है। इस आंदोलन को महागठबंधन की तमाम पार्टियों ने अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। बंद में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने गुरुवार को पार्टी कार्यालय में RJD सहित कांग्रेस, माले, CPI और CPM की बैठक हुई।
सरकार लाठी चलाएगी तो हम सड़क पर तैयार रहेंगेः राजद
बैठक में तय हुआ कि महागठबंधन को एकजुट होकर रेलवे अभ्यर्थियों का साथ देना है। इस बारे में महागठबंधन में शामिल पार्टियों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी बात रखी। RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि चुनाव से ज्यादा महत्वपूर्ण छात्रों-युवाओं का भविष्य है। सरकार रेल की बोगियों को तो देश की संपत्ति बताती है पर युवाओं को नहीं। हम बिहार बंद का पूर्ण समर्थन करते हैं। अगर इस दौरान कोई दुर्घटना होगी तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। पार्टी के नेता सड़क पर उतरेंगे। अगर सरकार लाठी चलवाती है तो हम लाठी खाने को भी तैयार रहेंगे।
आंदोलन से निकले नेता पीएम और सीएम तक बने: कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा छात्रों का आंदोलन किसी राजनीतिक दल का आंदोलन नहीं है। अब भाजपा राजनीतिक दलों को बदनाम करने में लगी है। रेलवे युवाओं को डरा रहा है कि आंदोलन करने वाले युवा आगे से रेलवे की नौकरी नहीं कर पाएंगे। पहले की सरकारों ने ऐसा ही नियम-कानून बनाया होता तो लालू प्रसाद, मुलायम सिंह यादव जैसे नेता CM नहीं बन पाते। जेपी आंदोलन के नेता चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने। छात्र राजनीति से निकलकर मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार छात्रों के आंदोलन को कुचल रहे हैं यह आश्चर्यजनक है।
4 लाख 24 हजार युवा सेकेंड एग्जाम से वंचित हो गए: माले
माले के राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि रेलवे भर्ती बोर्ड ने किस-किस तरह की गड़बड़ियां की और छात्र क्यों भड़के हुए हैं। रिजल्ट में वास्तविक संख्या 7 लाख होनी चाहिए थी, लेकिन 2 लाख 76 हजार ही रह गई। 4 लाख 24 हजार परीक्षार्थी सेकेंड एग्जाम से वंचित हो रहे हैं। केन्द्र सरकार ने केवल वादा किया लेकिन रोजगार नहीं दिया। उसी तरह बिहार की सरकार ने रोजगार नहीं दिया। सरकार रोजगार के बजाय युवाओं का मजाक उड़ा रही है। इसलिए विस्फोट युवाओं के बीच हुआ है और वे सड़कों पर उतर रहे हैं।
निजीकरण करने में लगी है सरकार, इसका विरोध होगा: सीपीएम
CPI के राज्य सचिव राम नरेश पांडेय ने कहा कि रेलवे भर्ती बोर्ड की मनमानी से छात्र परेशान हैं। अब पुलिस की ज्यादती पर लगाम जरूरी है। शांति पूर्ण तरीके से बिहार बंद हो। सीपीएम के अवधेश कुमार ने कहा कि बेरोजगारी के सवाल पर छात्रों का आक्रोश जायज है। केन्द्र सरकार सार्वजनिक संपत्तियां बेचने में लगी है। रेलवे, LIC सब के साथ यही कर रही है। सरकार निजीकरण कर रही है। दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा छलावा साबित हुआ। नीतीश सरकार ने 19 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी, वह भी पूरी नहीं हुई। इसलिए युवाओं का गुस्सा जायज है। बहुत कठिन हालात में बिहार के युवा तैयारी करते हैं।
इधर, छात्र जनशक्ति परिषद बिहार के अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने बताया कि रेलवे परीक्षार्थियों के आंदोलन को उनका पूरा समर्थन मिलेगा। प्रशांत ने छात्र जनशक्ति परिषद से अपील करते हुए अपने-अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा संख्या कार्यकर्ताओं से जुटने का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि इस बंद में तेज प्रताप यादव भी शामिल होंगे।
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