
सेवानिवृत्त सूबेदार अनिल कुमार सिंह देश के लिए हमेशा हैं तत्पर…
सारण पानापुर
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष सैलानियों की पाकिस्तान पोषित आतंकवादियों द्वारा की गई हत्या पर सेवानिवृत्त सूबेदार प्रखंड के रामपुररुद्र गांव निवासी अनिल कुमार सिंह का खून खौल रहा है।
इस जघन्य हत्याकांड के खिलाफ भारत सरकार द्वारा आपरेशन सिंदूर की सफलता से जहां वे प्रफुल्लित नजर आ रहे है। वही पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमा के रिहायशी इलाकों में ड्रोन हमले जैसी कायराना हरकत से उनमें काफी गुस्सा भी है।
30 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए सूबेदार अनिल कुमार सिंह
सेवानिवृत्त सूबेदार अनिल कुमार सिंह ने बताया कि दिसंबर 1987 में सिक्ख एलआई रेजिमेंट में सिपाही के पद पर मेरी पहली तैनाती उत्तराखंड के फर्रुखाबाद में हुई थी। उसके बाद पिथौरागढ़, नागालैंड, मणिपुर के अलावे जम्मू कश्मीर एलओसी माछिल सेक्टर में भी मैंने देशसेवा की. आपरेशन राइनो, आपरेशन रक्षक एवं आपरेशन पराक्रम में शामिल सूबेदार अनिल कुमार सिंह 30 वर्षों की सेवा के बाद 2017 में सेवानिवृत्त हुए।
सूबेदार अनिल कुमार सिंह की पुत्री अंकिता सिंह मेजर बन कर रही हैं देशसेवा…
वही उनकी पुत्री अंकिता सिंह 2017 में ही मेजर बन देशसेवा कर रही है. फिलहाल उसकी पोस्टिंग महाराष्ट्र के पूना में है. देश में चल रहे युद्ध के बारे में उन्होंने कहा कि हमारी सेना हर परिस्थितियों का मुकाबला करने में सक्षम है, फिर भी सरकार को हमारी जरूरत पड़ेगी तो देशसेवा के लिए मैं सदैव तत्पर हूँ।