
सारण छपरा
शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 118वीं जयंती के अवसर पर आइसा सारण जिला इकाई द्वारा शनिवार शाम चिल्ड्रेन पार्क से दारोगा चौक तक एक आक्रोशपूर्ण मशाल जुलूस निकाला गया। “लुटेरे भूरे अंग्रेजों – गद्दी छोड़ो!”, “आरक्षण चोर गद्दी छोड़!” जैसे गगनभेदी नारों के साथ आयोजित इस जुलूस में सैकड़ों युवाओं ने भाग लिया।
मशाल जुलूस के समापन पर एक जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने मौजूदा राजनीतिक हालात और सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। सभा की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष कुणाल कौशिक ने की और संचालन जिला सचिव दीपांकर मिश्र ने किया।
आइसा नेताओं ने कहा कि “भगत सिंह का सपना था एक शोषणमुक्त, बराबरी पर आधारित समाज का, लेकिन आज सरकारें उसी जनता को लूटने में लगी हैं जिसके लिए भगत सिंह ने अपनी जान दी थी।” नेताओं ने आरोप लगाया कि आज़ादी के बाद गोरे अंग्रेजों की जगह भूरे अंग्रेजों ने ले ली है, जो सत्ता में बैठकर भ्रष्टाचार और लूट को बढ़ावा दे रहे हैं।
सभा में वक्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन मॉडल पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह अब पूरी तरह खोखला हो चुका है। दलितों पर अत्याचार, किसानों की पिटाई और बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी इसका प्रमाण हैं। “जब जनता सड़कों पर सब्ज़ी बेच रही है, उसी वक्त कॉरपोरेट को अरबों की रियायतें दी जा रही हैं,” वक्ताओं ने कहा।
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही के सारे वादों को तोड़ दिया है। उन्होंने सार्वजनिक संसाधनों को निजी कंपनियों को सौंपने और टैक्स के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
सभा के अंत में यह संकल्प लिया गया कि आइसा भगत सिंह के सपनों को साकार करने के लिए एक भ्रष्टाचारमुक्त और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना तक संघर्ष जारी रखेगी।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख नेताओं में दीपांकर मिश्र, कुणाल कौशिक, विकास कुमार, अखिलेश कुमार, हिमांशु कुमार, सोनू कुमार, अभय कुमार, राजलक्ष्मी कुमारी, बिट्टू कुमार, राजा कुमार, रवीश कुमार, कालिदास कुमार और कमलेश कुमार शामिल थे।