
पलामू/छपरा। 17 दिनों की तकनीकी जांच और मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने लापता हथिनी को सुरक्षित बरामद कर लिया। शुरुआती आरोपों के विपरीत जांच में यह खुलासा हुआ कि हथिनी चोरी नहीं हुई थी, बल्कि यह साझेदारी विवाद का परिणाम था।
पार्टनरशिप में धोखा
पुलिस जांच में सामने आया कि चार साझेदारों ने करीब 40 लाख रुपये में हथिनी खरीदी थी। लेकिन तीन साझेदारों ने मिलीभगत कर चौथे को धोखा देते हुए हथिनी को मात्र 27 लाख रुपये में बेच डाला।
पैदल पलामू से गोपालगंज, फिर ट्रक से छपरा
जांच में पता चला कि हथिनी को पलामू से पैदल बिहार के गोपालगंज तक ले जाया गया। इसके बाद उसे ट्रक में लादकर छपरा जिले के अमनौर पहुंचाया गया, जहां पहाड़पुर निवासी गोरख सिंह ने हथिनी खरीद ली। गोरख सिंह के पास पहले से दो हाथी मौजूद हैं।
पुलिस–वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई
गोपनीय सूचना पर पलामू पुलिस, स्थानीय थाना पुलिस और वन विभाग की टीम ने अमनौर में छापेमारी कर हथिनी को बरामद कर लिया। सत्यापन के बाद फिलहाल हथिनी को जिम्मेनामा पर गोरख सिंह के पास ही रखा गया है।
महावत फरार, सभी पक्षों को नोटिस
जिस महावत पर हथिनी चोरी का आरोप था, वह फरार है। पुलिस ने हथिनी से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 7 अक्टूबर को पलामू सदर थाने में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
मिर्जापुर निवासी ने लगाया था चोरी का आरोप
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर निवासी नरेंद्र कुमार शुक्ला ने 12 सितंबर को पलामू सदर थाने में हथिनी चोरी की लिखित शिकायत दी थी। उनका आरोप था कि 11 अगस्त को जोरकट इलाके से उनकी हथिनी गायब हो गई थी।
पुलिस अधीक्षक का बयान
“ऐसा पहली बार हुआ है कि हथिनी चोरी की शिकायत दर्ज हुई। तकनीकी और गोपनीय सूचना के आधार पर हथिनी को बरामद कर लिया गया है। अब तक की जांच में चोरी नहीं बल्कि पार्टनरशिप विवाद का मामला सामने आया है। सभी पक्षों से 7 अक्टूबर को पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद और कई खुलासे संभव हैं।”
– रिष्मा रमेशन, पुलिस अधीक्षक, पलामू