तरैया, सारण
तरैया के नारायणपुर में प्रारंभ नौ दिवसीय श्री राम महायज्ञ के दुसरे दिन पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश और अरनी मंथन से अग्नि प्रज्ज्वलित की गई। फिर उसी से हवन कुंड में अग्नि स्थापित कर हवन की शुरूआत हुई। इसके बाद भगवान गणेश सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद विभिन्न तीर्थ स्थलों का जल व मिट्टी हवन कुंड में डाली गई।
इस दौरान प्रधान देवता भगवान श्री राम के एक हजार नाम का जप कर उनकी स्तुति की गई। इस मंडप पूजा में सभी देवी देवताओं व पीठों का आह्वान करने के बाद दोपहर सवा तीन बजे अरनी मंथन हुआ।
यज्ञाधीश संत श्रीधर दास जी महाराज ने कहा कि सभी यज्ञों में श्रीराम महायज्ञ सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसके करने से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष चारों पुरुषार्थो की प्राप्ति होती है। साथ ही मानसिक संतुष्टि व शारीरिक पुष्टि मिलती है। यह पुत्र-पौत्र आदि का सुख देने वाला और शौर्य प्रदान करने वाला यज्ञ है। इस यज्ञ के करने से खोया हुआ राज्य वापस मिल जाता है और निर्धन को धन मिलता है। यह शत्रुओं का विनाश करने वाला व परम शाति देने वाला यज्ञ है।
इससे पहले अग्नि देव का आह्वान किया गया, फिर लकड़ी के दो टुकड़ों को आपस में घर्षण से संत श्रीधर दास जी महाराज के सान्निध्य में आचार्य मन पूजन त्रिवेदी, आचार्य कमलेश मिश्रा, आचार्य सुकेश त्रिवेदी वैदिक बिहारी, पण्डित विशाल अरुण तिवारी, राम नारायण मिश्रा द्वारा अग्नि प्रज्ज्वलित कर उसे कुंड में स्थापित कर हवन की शुरूआत की गई। शाम में भक्तों के लिए विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। इसके पूर्व रामलीला में झांकी दिखाई गई।
मौके पर मुख्य रूप से मुखिया अमित सिंह, प्रिय रंजन युवराज, मुख्य यजमान दिलीप गुप्ता, जगन्नाथ शर्मा, डा. ओ. पी. यादव, उमेश सिंह, सुनील तिवारी, मनोज महतो, उपेन्द्र पांडेय, राम जी कुशवाहा, संतोष पांडे, राजशेखर पांडेय, सुरजीत सिंह, शशि सिंह, मुनटुन सिंह, आलोक उपाध्याय, श्री भगवान पण्डित, संजीव चौबे, रवि कुमार, राज किशोर राय, राणा सिंह, विजय भारद्वाज, साधु सिंह, नंद किशोर यादव, अभय दुबे, संजय तिवारी, सहित सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे।