‘समाधान यात्रा’ के क्रम में सोमवार को मुख्यमंत्री के सारण पहुंचने पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जब तक जहरीली शराब से मौत के शिकार हुए सैकड़ों लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल जाता है, इन मौतों की जिम्मेवारी नहीं तय होती है, मुख्यमंत्री अपनी जिद और अंहकार को छोड़ कर माफी नहीं मांग लेते हैं, तब तक कैसा समाधान?
विजय सिन्हा ने कहा कि बीत 17 वर्षों से गृह विभाग के भी मंत्री मुख्यमंत्री ही हैं, अपनी नैतिक जिम्मेवारी से वे बच नहीं सकते हैं। सिन्हा ने कहा कि सारण के विभिन्न इलाकों के सैकड़ों घरों में आज भी अनाथों, विधवाओं के चीत्कार गूंज रहे हैं।
मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा का मकसद इन पीड़ितों के आंसू पोछना होना चाहिए था, मगर उन्होंने तो ‘जो पियेगा वह मरेगा’ जैसा असंवेदनशील बयान देकर पहले ही जले पर नमक छिड़क चुके हैं।सिन्हा ने कहा है कि जबतक शराबकांड के पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक नीतीश कुमार की समाधान यात्रा व्यर्थ है. उन्होंने कहा कि लाशों की ढेर पर बिहार का पुलिस महकमा अरबपति बन गया है।
विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री को इसकी समीक्षा कर समाधान करना चाहिए।. सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि सारण में जहरीली शराब से हुई सैकड़ों मौतों का सौदागर कौन है? जहरीली शराब से सैकड़ों घर उजड़ गए हैं, आज भी कितने ही लोगों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है. अनेक लोग अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं. मुख्यमंत्री को इसकी समीक्षा कर समाधान करना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री समाधान नहीं बल्कि विकास और शांति में व्यवधान पैदा कर रहे हैं. अगर समस्या का समाधान करना है तो मुख्यमंत्री को लोगों के दर्द को सुनना होगा. सरकार को इतने बड़े नरसंहार की जिम्मेवारी तय करनी चाहिए।सरकार घटना की उच्च स्तरीय जांच करने के बाद पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दे, तभी मुख्यमंत्री का समाधान यात्रा सफल होगा. पीड़ितों को मदद नहीं मिली तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा उनकी विदाई यात्रा बनकर रह जाएगी।