सारण: सरकार बिहार में पूर्ण शराबबंदी का चाहे जितना दावा कर ले सच यह है कि शराब शहर ही नहीं कस्बे तक न सिर्फ मौजूद है, बल्कि आसानी से उपलब्ध हो रहा है। इसकी पुष्टि इस तथ्य से हो जाती जब थाना से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर शराब के सैकड़ों खाली बोतल सड़क किनारे फेंके मिल जाते हैं। बड़ी संख्या में शराब की खाली बोतल मिलने से लोगों में चर्चा तेज हो गयी है तो लोग खुलेआम स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न भी उठा रहे हैं। हसनपुरा पंचायत के महावीर चौक के पास की सड़क के किनारे चार बोरों में भरकर शराब की खाली बोतल फेंकी गयी थी। कौतूहल में जब किसी बच्चे ने बोरे का मुंह खोला तो खाली बोतलों की ढ़ेर लग गई।
शराब की खाली बोतलों को देखने से प्रतीत होता है कि इन्हें पंचायत चुनाव या नववर्ष की पार्टी में प्रयोग किया गया है। अब मौका मिला है तो इसे किसी विशेष जगह से हटाकर खाली जगहों पर फेंक दिया गया है। खाली बोतलें शराबबंदी के सच को दिखा रही है सामने : खाली बोतलें प्रणाम है कि शराब मिलती है यहां शराब बंदी को बिहार में लागू हुए सालों बीत चूके है। तर्क यह कि सालों से अगर शराब बंदी लागू है और स्थानीय थाना क्षेत्र में शराब अगर मिलती और बिकती नही है तो ये खाली बोतल आएं कहा से। शराब बिक्री के लिए पुलिस अपनी पुरी मुस्तैदी से ड्यूटी को अंजाम देने की बात कहती है । अब पूरी तरह से शराबबंदी को लागू कराने के लिए समान्य प्रशासन को भी सरकार ने जोड़ा है। सरकार का पूरा सिस्टम काम कर रहा फिर भी क्षेत्र में शराब मिलता और बिकता है तो तय है जिम्मेवार की कर्तव्यनिष्ठा पर गंभीर सवाल है।
छोटे पर कार्रवाई, बड़े को मिलती है छूट
पुलिस प्रशासन शराबबंदी को लेकर लगातार काम करती रहती है लेकिन इसके काम का तरीका अलग है। आम लोगों का भी यह आरोप है कि पुलिस सिर्फ गरीब और छोटे एक से दो लीटर स्पिरिट या देशी का धंधा करने वालों को ही पकड़ती है। इस धंधे के बड़े कारोबारी को पुलिस से पुरी आजादी मिलती है। यही कारण है की क्षेत्र में शराब का ब्रांड देशी रहे या विदेशी उपलब्धता कम नहीं होती ।
होम डिलेवरी बॉय से चलता है धंधा
सूत्र बताते है कि पहले लोग शराब की दुकान पर शराब खरीदने जाते थे। डिलीवरी बॉय की आमदनी भी एक दिन का हजारों रुपए हैं ।अब इसे थाने की सूचना की विफलता माने जिम्मेवार की साठगांठ, सैकड़ों की संख्या में मिली शराब की खाली बोतलें इस बात का प्रमाण है कि इस थाना में शराब की उपलब्धता है । पर्दे के पीछे ही सही यह धंधा अपना पांव मजबूती से गांव मे जमा चुका है ।
प्रमुख जगह जहां आराम से है शराब उपलब्ध
सूत्रों की माने तो क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक अंग्रेजी शराब के कारोबारी सक्रिय है। इन्होंने शराबबंदी के बाद इस धंधे से अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है l मढ़ौरा का कुछ प्रमुख स्थान है जहां सातों दिन 24 घंटा अंग्रेजी शराब उपलब्ध हो जाता है । इन स्थानों में धेनुकी चौक, बस स्टैंड मिर्जापुर, मढ़ौरा बाजार, मुबारकपुर बाजार, पकहां बिन्द टोली, मढ़ौरा नट टोली प्रमुख है ।
एकमा थाने में 126 लीटर देसी शराब का हुआ विनष्टीकरण: एकमा | जिला प्रशासन के निर्देशानुसार सीओ कुमारी सुषमा, एकमा थानाध्यक्ष देव कुमार तिवारी व उत्पाद अवर निरीक्षक अमित की देख-रेख में रविवार को एकमा थाना परिसर में पुलिस के द्वारा विभिन्न कांडों में बरामद 126 लीटर अवैध शराब पुलिसकर्मियों के सहयोग से विनष्टीकरण किया गया।
धंधेबाजों व शराबियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई जारी
इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बिहार में शराब बंदी कानून लागू होने के बाद से ही सारण पुलिस लगातार छापेमारी कर शराब की बरामदगी सहित धंधेबाजों व शराबियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई कर रही है।