पटना: जनता दल यूनाइटेड के अंदर आरसीपी सिंह को संगठन का नेता माना जाता था. उनसे नीतीश की नजदीकी अब दूरी में बदल गई है. एक समय था जब छोटे बड़े हर फैसले के लिए सीएम नीतीश कुमार आरसीपी सिंह से विचार-विमर्श करते थे. ऐसे में जो बदलाव हुए हैं उसे देख लोगों को बहुत अचरज है. ये भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के इशारे पर जदयू आरसीप
ऐसा प्रतीत होने लगा है कि आरसीपी सिंह के लिए उनके नेता नीतीश कुमार ने पार्टी का दरवाजा बंद कर दिया है। दिल्ली से पटना लौटने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि ‘मुझे क्या कोई धोखा देगा, मैं अपनी मेहनत और परिश्रम से आगे बढा हूं।’
आरसीपी सिंह के इस बयान पर पार्टी की नाराजगी बढ गई है और जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने आरसीपी सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरसीपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि आप मुख्यमंत्री की कृपा से दो बार राज्यसभा गये।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि आपको पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया, केंद्र में मंत्री बनवाया, लेकिन आपने पार्टी के लिए कुछ नहीं किया। जिस पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में 71 सीटें जीती थीं वह आपकी वजह से 2020 में 43 पर सिमट गई। अरविंद निषाद ने कहा कि आरसीपी सिंह को यह कबूल करना चाहिए कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की कृपा से राज्यसभा में नामित हुआ, जदयू का राष्ट्रीय महासचिव और जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना। मनुष्य को अहंकार में नहीं बल्कि ईमानदारी से स्वीकार करना चाहिए कि मैंने जो भी पद प्राप्त किया वह नीतीश कुमार जी की कृपा से मिला।
जदयू प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह झूठ है कि आपको योग्यता और मेहनत से इतनी कामयाबी मिली है। यह सब मुख्यमंत्री नीतीश की कृपा से मिला है। अरविंद निषाद ने आरसीपी सिंह को गैर जिम्मेदार और झूठ बोलने वाला नेता करार दिया। उन्होंने कहा कि आरसीपी का व्यवहार संगठन में गैर-जिम्मेदाराना रहा, जिसका खामियाजा पार्टी आज भुगत रही है। अरविंद निषाद ने यहां तक कह दिया कि जदयू में नीतीश कुमार को चुनौती देने वाला कोई भी नेता नेपथ्य में चला जाएगा।