
साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अपने वेबसाइट के माध्यम से लिए जाने वाले आवेदन में कृषि कनेक्शन का ऑप्शन हटा दिया है। –
साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अपने वेबसाइट के माध्यम से लिए जाने वाले आवेदन में कृषि कनेक्शन का ऑप्शन हटा दिया है।
राज्य के किसानों को पटवन के लिए नया बिजली कनेक्शन नहीं मिलेगा। कारण, साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अपने वेबसाइट के माध्यम से लिए जाने वाले आवेदन में कृषि कनेक्शन का ऑप्शन हटा दिया है। इसके साथ ही बिजली कंपनी के डिविजन कार्यालय और प्रशाखा कार्यालय में तैनात इंजीनियरों ने ऑफलाइन आवेदन भी लेना बंद कर दिया है। इस कारण किसानों के सामने पटवन के लिए केवल डीजल पंप चलाने का ऑप्शन बचा है।
इस संबंध में पूछे जाने पर बिजली कंपनी मुख्यालय के वरीय अधिकारियों ने कहा कि कृषि कनेक्शन देने बाध्यता नहीं है। फंड मिलने पर स्कीम बनेगा। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन का ऑप्शन खोला जाएगा। जहां पहले से इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। वहां कृषि कनेक्शन दिया जाएगा। इसके लिए ऑफलाइन के माध्यम से किसान आवेदन दे सकते हैं। लेकिन, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर यानी पोल-तार और ट्रांसफॉर्मर नहीं पहुंचा है। वहां ऑफलाइन आवेदन भी नहीं लिया जाएगा।
राज्य में कृषि कनेक्शन की स्थिति
राज्य में पहले से 70 हजार कृषि कनेक्शन था। इसमें साउथ बिहार में 60 और नॉर्थ बिहार में 10 हजार कनेक्शन शामिल है। वित्तीय वर्ष 2017-18 केंद्र सरकार के द्वारा कृषि कनेक्शन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार स्कीम आने के बाद कैंप लगाकर किसानों से कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन लिया गया। इसमें साउथ बिहार के करीब 1.70 लाख किसानों ने आवेदन दिया है। वहीं, नॉर्थ बिहार के 1.50 लाख किसानों ने कनेक्शन लेने के लिए आवेदन दिया। केंद्र सरकार के स्कीम के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने के बाद करीब 2.50 किसानों को कृषि कनेक्शन दिया गया है। इसमें नॉर्थ बिहार में करीब 1.10 लाख और साउथ बिहार में 1.40 लाख कनेक्शन शामिल है।
70 हजार किसानों को नहीं मिला कनेक्शन
कैंप के दौरान कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन देने वाले करीब 70 हजार किसानों को कनेक्शन नहीं मिला है। इन किसानों को कनेक्शन देने के लिए राज्य सरकार ने 13000 करोड़ का फंड दिया है। इस फंड से नॉर्थ बिहार के 40 हजार और साउथ बिहार के 30 हजार किसानों को कृषि कनेक्शन मिलेगा। राज्य के जिस इलाके में खेतों तक नेटवर्क पहुंच गया है। वहां कृषि कनेक्शन देने में खर्च नहीं है। लेकिन, जहां नेटवर्क नहीं है। वहां कृषि कनेक्शन देने में काफी खर्च है।
बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक कृषि कनेक्शन देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में काफी खर्च है। पहले नेटवर्क नहीं होने के कारण एक कनेक्शन पर 2.5 लाख रुपए औसत खर्च होते थे। अब कुछ नेटवर्क तैयार होने के बाद खर्च में कमी आई है। वर्तमान समय में एक कनेक्शन पर 1.75 लाख औसत खर्च है।
कृषि कनेक्शन का बिल काफी सस्ता
कृषि कनेक्शन लेने वाले किसानों को पटवन करने के लिए 65 पैसा प्रति यूनिट बिजली बिल देना होता है। बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बिजली खपत का दर 5.90 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित किया था। इसपर राज्य सरकार के द्वारा 5.25 रुपए प्रति यूनिट अनुदान दिया जा रहा है।
परेशान किसानों का दर्द सुनिए…
नॉर्थ बिहार : सीवान जिला स्थित दरौंदा प्रखंड के बगौरा गांव निवासी अजीत कुमार राय ने शिविर में कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन नहीं दिया। अब उन्हें कनेक्शन की जरूरत है। लेकिन, बिजली इंजीनियर कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन नहीं ले रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की बात बता रहे हैं। लेकिन, बिजली कंपनी ने बेवसाइट से कृषि कनेक्शन का ऑप्शन ही हटा दिया है। ऐसे में कहां जाएं। समझ में नहीं आ रहा।