सारण: छपरा कोर्ट परिसर में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब एक आरोपी को पुलिस पकड़ कर ले जाने लगी. वकीलों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया. वकीलों का कहना था कि अदालत में समर्पण करने कोर्ट परिसर में आ चुके आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. इसी बात को लेकर अधिवक्ता एकजुट हो गये और पुलिस की कार्रवाई का विरोध करने लगे.
वकीलों ने दिया नियम का हवाला
अधिवक्ताओं का कहना था कि पुलिस नियम खिलाफ गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. कोर्ट में सरेंडर करने आये अभियुक्त को गिरफ्तार करने का पुलिस को कोई अधिकार नहीं है. इस पर पुलिस पदाधिकारी ने विरोध किया, तो अधिवक्ताओं से नोकझोंक होने लगी. पुलिस पदाधिकारी का कहना था कि वे नियम सम्मत गिरफ्तारी के लिए आये हैं. काफी हो-हल्ला के बावजूद अधिवक्ताओं ने पुलिस की एक नहीं सुनी. विरोध का स्वर इतना तेज कर दिया कि कुछ देर के लिए कोर्ट की कार्यवाही भी रोक दी गयी.
पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा
दोनों तरफ से काफी देर तक बहस होती रही. अंत में वकीलों ने कोर्ट से स्टे ऑडर पा लिया और पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा. अधिवक्ताओं ने कहा कि आये दिन पुलिस अपने अधिकारों का दुरुपयोग करती है. ऐसे में पुलिसकर्मियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए भी कोर्ट प्रशासन से आग्रह किया जाएगा.
वकीलों ने दी मुकदमे की धमकी
अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि यदि पुलिस अपनी आदतों में सुधार नहीं लाती है, तो जनहित याचिका दायर करने से भी परहेज नहीं किया जाएगा. बताया जाता है कि घटना होने के बाद पुलिस मामला तो दर्ज कर लेती है, लेकिन अनुसंधान या आरोपितों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई नहीं करती है. जब पुलिस को पता चलता है कि आरोपित कोर्ट में आत्मसमर्पण करने आ रहा है तो वो बैठे बिठाये उसे गिरफ्तार करने का प्रयास करती है.