बिहार डेस्क। बिहार के हाजीपुर मे फर्ज और कर्म की तस्वीर सामने आई है। स्वास्थ्य कर्मी ने अपना फर्ज और कर्म दोनों साथ निभाया है। हाजीपुर सदर अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मी को इलाज के दौरान एक लड़की से प्यार हो गया।
दोनों के बीच प्यार इस तरह परवान चढ़ा कि एक सप्ताह के अंदर ही दोनों ने एक मंदिर में धूमधाम से शादी कर ली। बताते हैं कि लड़की के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है और अब बेटी के हाथ पीले होते ही दूसरे दिन मां ने भी दम तोड़ दिया।
बताया गया है कि तबीयत बिगड़ने के बाद बेटी ने मां को यहां सदर अस्पताल में एडमिट कराया था। जहां मां के इलाज के दौरान ही अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी से युवती की मुलाकात हुई। यह मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में बदल गया। जिस मरीज का देखभाल स्वास्थ्य कर्मी कर रहा था, उसने बेटी का हाथ मांग लिया। लड़की की मां को लड़का पसंद आ गया और उन्होंने भी हामी भर दी। महिला की इच्छा थी कि उसकी बेटी की शादी अच्छे घर में हो। लड़की के पिता का देहांत काफी दिन पहले हो गया था और बेटी की शादी की जिम्मेदारी मां पर ही थी।
बताते हैं कि अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती बीमार महिला का देखभाल से लेकर सारी सुविधा उपलब्ध करा रहे स्वास्थ्य कर्मचारी ने जब पूछा कि क्या वह अपनी बेटी की शादी उससे करेंगी। स्वास्थ्य कर्मचारी के इस सवाल को सुन मां मन ही मन खुशी से झूम उठी। उसने अपनी बेटी को इसकी जानकारी दी। बेटी ने भी शादी के लिए हामी भर दी और शादी की तैयारी शुरू हो गई।
महज सात दिनों के अंदर ही कर ली शादी
अचानक प्यार और तुरंत ही शादी की यह दिलचस्प वाक्या महज 7 दिनों के भीतर ही अंजाम तक पहुंच गया। दोनों की शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ हाजीपुर शहर के ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर पातालेश्वर नाथ मंदिर में कराई गई। इससे पहले बारात लड़की के घर पर पहुंची। सदर अस्पताल के कई कर्मी भी इस शादी समारोह में शामिल हुए। डीजे की धुन पर जमकर ठुमके लगाए गए। वहीं नागिन डांस पर दूल्हे ने भी जमकर डांस किया। बिना दान दहेज की यह शादी सात दिनों के अंदर ही संपन्न हुई। इसकी खूब चर्चा है।
बेटी के हाथ पीले होते ही मां ने तोड़ दी दम
महज सप्ताह भर में प्यार और शादी के बाद दुखद पहलु यह भी हो गया गया कि बेटी के हाथ पीले होते ही दूसरे दिन बीमार मां ने दम तोड़ दिया। कहते हैं कि सदर में इलाजरत मां को इसी शादी के लिए अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। दोनों की रजामंदी से बिना दान दहेज के आदर्श रूप हुई इस शादी में बीमार मां भी शरीक हुई, लेकिन दुखद पहलु यह भी रहा कि शादी के दूसरे दिन ही बीमार मां ने दम तोड़ दिया। मां की मौत उसके घर पर ही हुई। बताते हैं कि स्वास्थ्यकर्मी राघोपुर और लड़की बिदुपुर की रहने वाली है।