
सारण डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य की सियासत पूरी तरह गरमा गई है। अब सभी राजनीतिक दल एक-एक कर अपने उम्मीदवारों की घोषणा में जुट गए हैं। इसी क्रम में गुरुवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी अपनी पहली प्रत्याशी सूची जारी कर दी। इस सूची में कुल 51 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं।
पहली सूची जारी होते ही जहां टिकट पाने वाले नेताओं के बीच खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं कई पुराने कार्यकर्ताओं और दावेदारों में नाराजगी भी देखने को मिली। उन्हीं में से एक हैं जन सुराज की सक्रिय और जानी-मानी नेता पुष्पा सिंह, जिनका नाम पहली सूची में शामिल नहीं किया गया।
पुष्पा सिंह ने मीडिया से बात करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा —
> “हमने सबकुछ छोड़कर जन सुराज और प्रशांत किशोर पर भरोसा किया। जबसे उनकी पदयात्रा शुरू हुई, हम लगातार उनके साथ रहे। जनता के बीच जाकर संगठन को मजबूत किया, लेकिन मेहनत के बावजूद हमें टिकट नहीं दिया गया। पहले कहा जाता था कि जो सबसे ज्यादा जनता से जुड़ा है, उसे मौका मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
उन्होंने आगे कहा कि बनियापुर सीट से जिस व्यक्ति को टिकट दिया गया है, वह तो मशरक गांव में कभी घूमने भी नहीं आया।
पुष्पा सिंह ने आरोप लगाया कि टिकट वितरण मेहनत या योग्यता के बजाय जातिवाद के आधार पर किया गया है। नाराजगी जताते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि —
> “जन सुराज की बनियापुर सीट नहीं निकलेगी। इंसाफ नहीं हुआ है।”
वहीं, इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य सिर्फ टिकट बांटना या चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि बिहार की व्यवस्था में सुधार और राजनीतिक सोच में बदलाव लाना है।
उन्होंने कहा —
> “टिकट वितरण में पूरी पारदर्शिता और सामाजिक संतुलन का ध्यान रखा गया है। किसी को टिकट नहीं मिला तो नाराज होना स्वाभाविक है, लेकिन हमारा मकसद बड़ा है — बिहार को एक नई दिशा देना। हर निर्णय इसी सोच के तहत लिया गया है।”
पार्टी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में दूसरी सूची भी जारी की जाएगी, जिसमें कुछ और नाम शामिल हो सकते हैं।
प्रशांत किशोर की इस घोषणा के बाद बिहार की राजनीति में नई हलचल मच गई है। समर्थकों के बीच चर्चा है कि जन सुराज इस बार नए, ईमानदार और स्थानीय स्तर पर सक्रिय चेहरों को प्राथमिकता दे रहा है। हालांकि, पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी पार्टी के लिए एक चुनौती साबित हो सकती है।