
सारण :- जिले के पानापुर प्रखंड के मड़वा बसहिया स्थित बरकुरवा गाछी ब्रह्मस्थान परिसर में दुर्गापूजा के अवसर पर आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में अयोध्या धाम से पधारे प्रसिद्ध प्रवचनकर्ता हरिओम शरण शास्त्री ने श्रद्धा और भक्ति के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा वह भक्ति केवल दिखावा है जिसमें श्रद्धा न हो। सच्ची श्रद्धा हृदय की गहराई से उपजा वह विश्वास है जो अपने आराध्य के प्रति संपूर्ण समर्पण को दर्शाता है।
शिव-सती प्रसंग का उल्लेख करते हुए शास्त्री जी ने कहा कि माता सती को भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा थी। पिता दक्ष के विरोध के बावजूद उन्होंने शिव से विवाह किया। बाद में, जब दक्ष के यज्ञ में भगवान शिव का अपमान हुआ, तो सती ने आत्मदाह कर लिया। यह प्रसंग उनके निःस्वार्थ प्रेम, निष्ठा और भक्ति का प्रतीक है।
कार्यक्रम 2 अक्टूबर तक प्रतिदिन रामकथा के आयोजन के साथ जारी रहेगा।
आयोजन समिति ने बताया कि कथा वाचन के साथ श्रद्धालुओं को भक्ति और धर्म के गूढ़ रहस्यों से अवगत कराया जाएगा।
इस मौके पर वीरेंद्र सिंह, रमेश कुमार सिंह, कुंदन कुमार सिंह सहित कई श्रद्धालु एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।