
सारण : छपरा रेलवे विभाग के लिए मंगलवार की सुबह एक दुखद समाचार लेकर आई, जब छपरा जंक्शन पर चल रहे निरीक्षण के दौरान सीनियर सेक्शन इंजीनियर (कार्य) राकेश कुमार (55 वर्ष) का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। यह हृदयविदारक घटना प्लेटफार्म संख्या-1 पर स्थित अधिकारी विश्रामालय के पास घटी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राकेश कुमार गोरखपुर मंडल के प्रमुख मुख्य इंजीनियर नीलमणि कुमार और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर द्वितीय विनीत कुमार श्रीवास्तव के साथ पूर्वी केबिन से पार्सल घर की ओर निरीक्षण कर रहे थे, तभी अचानक वे बेसुध होकर गिर पड़े।
घटना के तुरंत बाद सेक्शन इंजीनियर रणविजय कुमार गुंजन व अन्य कर्मचारियों ने उन्हें ठेले पर लादकर रेल अस्पताल पहुंचाया, परंतु वहां चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे। इसके कारण समय पर इलाज नहीं हो सका और उन्हें तत्परता से सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तनाव और दबाव बना मौत की वजह?
इस घटना के बाद रेलवे कर्मचारियों में रोष और दुख की लहर दौड़ गई। एनईआरएमसी के छपरा शाखा मंत्री संजय तिवारी ने सीनियर अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “वरिष्ठ अधिकारी लगातार कनिष्ठ कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव डालते हैं, जिससे वे मानसिक तनाव में आकर बीमार हो रहे हैं। राकेश कुमार की असामयिक मृत्यु इसी दबाव का परिणाम है।”
तिवारी ने यह भी चेतावनी दी कि अगर अधिकारियों का रवैया नहीं बदला गया तो कर्मचारी आंदोलन करेंगे।
कर्मचारियों में यह भी नाराजगी देखी गई कि राकेश कुमार की तबीयत बिगड़ने के बावजूद निरीक्षण में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी कोई सुध नहीं ली। यह संवेदनहीनता कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मृतक राकेश कुमार, नालंदा जिले के हिलसा के नेमना टोला निवासी थे। वर्ष 2005 में रेलवे सेवा में शामिल हुए थे और 2022 से छपरा जंक्शन पर कार्यरत थे।
उनकी मृत्यु की सूचना मिलते ही उनकी पत्नी रंजना देवी, पुत्री पूजा कुमारी और पुत्र रजनीश कुमार सदर अस्पताल पहुंचे, जहां का माहौल अत्यंत गमगीन हो गया।
सहकर्मी इंजीनियरों ने राकेश कुमार को एक ईमानदार, निष्ठावान और समर्पित अधिकारी बताया, जिनकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकेगी।
प्रशासनिक हलचल
घटना की सूचना मिलते ही स्टेशन अधीक्षक राजन कुमार, सीडीओ अजित कुमार, डीसीआई गणेश यादव, स्टेशन निदेशक राजेश प्रसाद और आरपीएफ निरीक्षक विनोद कुमार यादव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
कर्मचारियों की मांग
रेलवे कर्मचारियों ने मृतक के परिवार को उचित मुआवजा, नौकरी में अनुकंपा नियुक्ति और दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है। साथ ही रेल अस्पताल में डॉक्टरों की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता जताई।
यह हादसा न सिर्फ एक समर्पित कर्मचारी की असामयिक मृत्यु का गवाह बना, बल्कि रेलवे विभाग में व्याप्त कामकाजी दबाव और व्यवस्थागत खामियों की ओर भी गंभीर संकेत देता है।