
छपरा— शहर की जनसमस्याओं पर काम करने वाली संस्था “न्याय फाइटिंग फॉर द पीपुल” के संस्थापक महासचिव मो. सुल्तान हुसैन इदरीसी ने खनुआ नाले के ऊंचाई और गलत निर्माण को लेकर कलकत्ता एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में याचिका दायर की है।
मो. सुल्तान हुसैन इदरीसी ने बताया कि छपरा शहर के लिए अति महत्वपूर्ण खनुआ नाला (रिकॉर्ड में खनुआ नहर) पहले बाढ़ का पानी बाहर निकालने और सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जाता था। लेकिन इसमें छेड़छाड़ और अव्यवस्थित निर्माण के कारण गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गईं।
उन्होंने कहा कि नए निर्माण के नाम पर नाले का स्वरूप पूरी तरह बदल दिया गया है। नाले को ऊपर से बनाए जाने के कारण यह सड़क से काफी ऊंचा हो गया है। मुहल्लों के नालों के पानी के निकास की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। केवल छोटे-छोटे छेद छोड़ दिए गए हैं, जो हमेशा जाम रहते हैं। इसके चलते बाढ़ तो दूर, आम दिनों में भी पानी मोहल्लों में ही जमा हो जाता है और पूरा इलाका टापू की तरह नजर आने लगता है।
हाल ही में हल्की बाढ़ के दौरान इसका प्रभाव साफ दिखा जब करीमचक, कोरार, रूपगंज, साहेबगंज, कपड़ा पट्टी, मौना चौक, नगर निगम कार्यालय, सारण समाहरणालय, तुलसी गली, कुरेशी मोहल्ला, खनुआ बाजार, तेलपा, किरणवाही और रौजा सहित कई इलाकों में नाले और बाढ़ का गंदा पानी भर गया। निकासी व्यवस्था न होने से लोगों को घरों में कैद रहना पड़ा और बड़ी आबादी प्रभावित हुई।
मो. इदरीसी ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि खनुआ नाले को सड़क के बराबर बनाया जाता और प्रभावित मोहल्लों के नालों को चैंबर और जाली के माध्यम से खनुआ नाले से जोड़ा जाता। लेकिन इसके विपरीत नाले को कहीं-कहीं 5 फीट तक ऊंचा बना दिया गया है। कई संपर्क सड़कों को तोड़कर बंद कर दिया गया, जिससे मोहल्लों के लोग काफी लंबा चक्कर लगाकर गुजरने को मजबूर हैं।
उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर संस्था ने कई बार संघर्ष किया और आवाज उठाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद मजबूरन कलकत्ता एनजीटी में याचिका दायर करनी पड़ी। इस मामले की पैरवी अधिवक्ता उपेंद्र प्रसाद यादव करेंगे।