
हाजीपुर (वैशाली)। साइबर थाना, हाजीपुर की पुलिस ने एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का खुलासा करते हुए कोलकाता के पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह अमेरिकी नागरिकों को तकनीकी सहायता के नाम पर ठग रहा था। कार्रवाई जंदाहा थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर कद्दुटॉड गांव में बिरजू सिंह के मकान में की गई, जहां गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारी मात्रा में तकनीकी सामान भी बरामद हुआ है। पुलिस अब फरार मास्टरमाइंड बिरजू सिंह की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी कर रही है।
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अंतरराष्ट्रीय कॉल से होती थी ठगी, रिमोट सॉफ्टवेयर के जरिए नियंत्रण में लेते थे सिस्टम
पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिका के नागरिकों को VoIP (वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) कॉल कर तकनीकी सेवा देने का झांसा देते थे। कॉल के दौरान इन नागरिकों को रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर (AnyDesk, AweSun आदि) बेचने के बहाने उनके कंप्यूटर में लॉग इन करते थे और पूरा सिस्टम अपने कब्जे में ले लेते थे।
इसके बाद उनके डेटा और बैंकिंग जानकारी को गिरोह के सरगना बिरजू सिंह को भेज दिया जाता था। बिरजू उस डाटा के जरिए ऑनलाइन फ्रॉड करता था और पीड़ितों के खातों से पैसे निकाल लेता था।
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6 महीने से संचालित हो रहा था कॉल सेंटर
एसपी ने बताया कि यह फर्जी कॉल सेंटर पिछले छह महीनों से चल रहा था। आरोपी कोलकाता से लाए गए थे और उन्हें बिरजू सिंह द्वारा जंदाहा में मकान देकर बसाया गया था। उन्हें महीने भर का राशन, जरूरी सामान, मोटी सैलरी और बोनस भी दिया जाता था।
गिरफ्तार लोगों में से कई ने स्वीकार किया है कि वे इस ठगी गिरोह से लंबे समय से जुड़े थे और अमेरिका के कई बुजुर्ग नागरिकों को शिकार बना चुके हैं।
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ई-मेल से भेजते थे वायरस, फिर खुद ही कॉल सेंटर से मदद के नाम पर ठगते थे
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि अमेरिकी नागरिकों के डेटा (मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स आदि) गूगल, अन्य ओपन प्लेटफॉर्म और डार्क वेब से इकट्ठा किए जाते थे। फिर उनके कंप्यूटर को वायरस भेजकर हैक किया जाता और तकनीकी सहायता के लिए फर्जी हेल्पलाइन नंबर भेजा जाता था।
जब अमेरिकी नागरिक उस नंबर पर कॉल करते थे, तो आरोपी “माइक्रो सीप एप” के माध्यम से कॉल रिसीव करते और फिर AweSun, AnyDesk जैसे ऐप के माध्यम से कंप्यूटर का नियंत्रण लेकर खाते से पैसे उड़ा देते थे।
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बरामद सामान: हाईटेक ठगी के उपकरण
छापेमारी के दौरान पुलिस ने निम्नलिखित सामान बरामद किया:
5 लैपटॉप
10 मोबाइल फोन
16 डेबिट कार्ड
6 क्रेडिट कार्ड
2 राउटर
5 हेडफोन
2 माउस
5 आधार कार्ड
2 वोटर कार्ड
साइबर क्राइम से संबंधित कई अन्य डिवाइसेज और दस्तावेज
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गिरफ्तार आरोपी
1. डानियाल अख्तर, पिता अखिल अख्तर, पार्क सर्कस, थाना इन्टाली, कोलकाता
2. सैयद मोहम्मद शादाब अली, पिता सज्जाद अली, इन्टाली मार्केट, कोलकाता
3. शेख अजीम, पिता शेख अब्दुल, देवेंद्र चंद्र डे रोड, कोलकाता
4. नूर आलम, पिता शेख पांचू, आजाद नगर, सोनारपुर, नार्थ 24 परगना
5. मोहम्मद एहतशाम, पिता मोहम्मद फकुरूद्धीन, सर सैयद अहमद रोड, इन्टाली, कोलकाता
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मुख्य सरगना बिरजू सिंह फरार
गिरोह का मुख्य संचालक बिरजू सिंह, पिता चुल्हाई सिंह, ग्राम लक्ष्मणपुर कद्दुटॉड, थाना जंदाहा का निवासी है। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपने घर से इस पूरे ठगी नेटवर्क का संचालन कर रहा है। लेकिन छापेमारी के वक्त वह फरार हो गया। पुलिस की टीमें लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिए सिलीगुड़ी समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
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साइबर थाना की प्रशंसा, थानाध्यक्ष को मिलेगा सम्मान
एसपी ललित मोहन शर्मा ने कहा कि साइबर थाना द्वारा की गई इस तीव्र और सटीक कार्रवाई के लिए थानाध्यक्ष चांदनी सुमन को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय साइबर ठगों के खिलाफ एक सशक्त संदेश है।
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कांड संख्या और कानूनी कार्रवाई
इस मामले में साइबर थाना, हाजीपुर में कांड संख्या 25/25 के तहत आईटी एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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यह मामला न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत साइबर अपराध का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे बिहार के ग्रामीण इलाके भी अब ऐसे अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड के अड्डे बनते जा रहे हैं। पुलिस की सतर्कता से यह बड़ा गिरोह टूट गया, लेकिन ऐसे मामलों में आम नागरिकों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।