
छपरा शहरा के जगदम कॉलेज रेलवे ढाला के पास सीने में दर्द की शिकायत के बाद उत्तरी दहियावां टोला निवासी जगरनाथ मांझी के पुत्र संतोष मांझी को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस पहुंची। लेकिन इसी समय एक ट्रेन के आने की सूचना मिलने के कारण ढाला बंद मिला।
मरीज की हालत देखते हुए परिजनों ने उन्होंने वहां तैनात गेटमैन से मिन्नतें की वह फाटक खोल दें, ताकि मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। लेकिन, गेटमैन ने तकनीकी दिक्कतों का हवाला देते हुए ढ़ाला खोलने में असमर्थता जताई।
स्वजन संतोष को काफी मशक्कत के बाद ढ़ाला के अवरोधक के नीचे से निकालकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डाक्टरों ने जांच के बाद संतोष को मृत घोषित कर दिया। मृतक के स्वजनों ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यदि समय रहते रेलवे ढ़ाला खुल जाता, तो शायद संतोष की जान बच सकती थी।
इस घटना ने रेलवे फाटकों पर आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वह भी तब यह एंबुलेंस को पास करने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के काफिले को भी रोक दिया जाता है।
इस तरह की घटनाओं का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए रेलवे ने सभी रेल फाटकों पर अब आरओबी बनाने का फैसला लिया है। राज्य सरकार और रेलवे के संयुक्त प्रयास से जगदम कालेज रेलवे ढ़ाला के समीप एक आरओबी निर्माण की शुरुआत हुई है।