
राज्य मंत्रिपरिषद ने दी स्वीकृति, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में औद्योगिक विकास की दिशा में बड़ा कदम
पटना/सारण — बिहार सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में सारण जिले के अमनौर अंचल स्थित मौजा-अरना में 70.05 एकड़ भूमि को उद्योग विभाग को हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह भूमि अब एक नए औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु प्रयोग की जाएगी, जिससे सारण जिले के औद्योगिक मानचित्र पर पहली बार औपचारिक रूप से पहचान बनेगी।

पहली बार सारण को मिलेगा औद्योगिक क्षेत्र
सारण जिला अब तक उन सात जिलों में शामिल था जहाँ औद्योगिक क्षेत्र का विकास नहीं हुआ था। यह निर्णय जिले के औद्योगिक भविष्य की आधारशिला रखने जा रहा है। इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद यह न केवल जिले के विकास को नई दिशा देगा, बल्कि आसपास के जिलों में भी आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की संभावना को बल मिलेगा।

क्यों है यह निर्णय महत्वपूर्ण?
राज्य में तेजी से बढ़ते औद्योगिक विकास को देखते हुए नए उद्योगों की स्थापना के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। बिहार सरकार का यह निर्णय बताता है कि वह अब पिछड़े हुए जिलों को औद्योगिक दृष्टिकोण से भी मुख्यधारा में लाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।
सारण जिला कृषि प्रधान क्षेत्र रहा है, लेकिन रोजगार की कमी के कारण यहाँ से बड़ी संख्या में लोग पलायन करते रहे हैं। अब इस औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होंगे, जिससे पलायन में कमी आने की भी उम्मीद है।

रोजगार और निवेश के नए द्वार खुलेंगे
उद्योग विभाग द्वारा भूमि का अधिग्रहण होते ही इस क्षेत्र में आवश्यक आधारभूत संरचना जैसे सड़क, विद्युत, जलापूर्ति, और संचार सुविधा का विकास प्रारंभ किया जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा विभिन्न निवेशकों को यहाँ उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्षेत्र खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कृषि आधारित लघु और मध्यम उद्योगों के लिए उपयुक्त होगा। इससे स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और युवाओं को उनके घर के पास ही रोजगार मिल सकेगा।
जिले वासी उत्साहित
इस निर्णय से स्थानीय लोगों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। अमनौर अंचल के ग्रामीणों ने राज्य सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह कदम क्षेत्र की दशा और दिशा दोनों बदल देगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इसे “ऐतिहासिक निर्णय” बताया है।