मां के मरने के बाद मातम मनाने के वजह बेटे ने मनाया जश्न
गोपालगंज :- जिले के बैकुंठपुर प्रखंड के बखरी पंचायत के पहाड़पुर गांव में सोमवार की देर रात एक बुजुर्ग महिला की मौत होने पर मंगलवार की दोपहर में उनके दाह संस्कार के लिए अंतिम शव यात्रा निकाली गई।
शव यात्रा में उनके बेटों द्वारा आर्केस्ट्रा डांस के साथ डीजे की जोरदार आवाज में बाजे गाजे के साथ पहाड़पुर गांव से मुजा मटियारी गांव होते हुए बांध मार्ग से भोजपुरी गाने पर नर्तकियों से ठुमका लगवाते हैं हुए सत्तर घाट पुल के समीप लाया गया।
कितना भी बुजुर्ग क्यों ना हो मां तो आखिर मां ही होती है और अपनों के बिछड़ने का दर्द कितना होता है यह तो एक बच्चा भी जानता है। अपनों के बिछड़ने पर हम मातम मनाते हैं।
लेकिन बैकुंठपुर के पहारपुर गांव में अपनी मां के मरने के बाद बेटे ने डीजे बजा कर जश्न मनाया। इतना ही नहीं आर्केस्ट्रा डांस भी कराया। बताया जाता है की वृद्ध महिला करीब 75 वर्षीय सुदामा देवी की शव को अंतिम यात्रा में शामिल परिजन गांव के युवा बच्चे और वृद्ध डीजे की धुन पर नर्तकियों के साथ डांस करते हुए सत्तर घाट तक पहुंचे।
लोगों ने इस तरह के शव यात्रा की आलोचना की।
लोगों ने कहा यह कैसा सम्मान जिस माँ ने बच्चों को जन्म दिया और लालन-पालन कर बड़ा किया। उनके अंतिम संस्कार में डीजे बजाना और डांस करना मातृत्व का अपमान है।
यह कैसा बेटा है की मातम मनाने के बदले जश्न मनाने का फैसला लिया। और पूरे गांव को अंतिम संस्कार में शामिल होने का न्योता दिया। डीजे की धुन पर नर्तकी के साथ नाचते झूमते हुए शव को अंतिम संस्कार के लिए सत्तर घाट ले जाया गया।
वहीं समाज के प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों ने कहा यह गलत परंपरा की शुरुआत है। वहीं मृत वृद्ध महिला की बेटे शैलेश सिंह ने कहाँ की मै अपने माँ से बहुत प्यार करता था माँ के मरने के बाद एक गम है तो एक खुशी भी है उनके द्वारा समशान घाट पर मिठाईया भी बाटी गई।