शिकायत के आधार पर टोह लगा रही छपरा मुफस्सिल थाना पुलिस उस तक पहुंच गई। आइआइटीयन को उसके एक सहयोगी संग हरियाणा के सोनीपत से गिरफ्तार कर छपरा ले आई और कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया।
बेहद शातिर और तकनीकी रूप से दक्ष हैं दोनों अपराधी
मुफस्सिल थाना अध्यक्ष विशाल आनंद ने बताया कि पकड़े गए दोनों ठग बेहद शातिर और तकनीकी रूप से दक्ष हैं। इनमें मुंबई के गोरेगांव निवासी भगीरथी पाणिग्रही का पुत्र 48 वर्षीय सत्यानंद पाणिग्रही आइआइटी, खड़गपुर से पासआउट है। उसका सहयोगी झारखंड के हजारीबाग जिले के सदर थाना निवासी किशन कुमार शर्मा का 42 वर्षीय पुत्र शुभम शर्मा है। दोनों देश भर में कई लोगों से ठगी कर चुके हैं।
व्यवसायियों से ऐसे करता था ठगी
सत्यानंद स्वयं को इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी का मालिक और शुभम सेल्स अधिकारी बताकर व्यवसायियों को झांसे में ले लेता था। एजेंसी देने के नाम पर चेक के माध्यम से लाखों रुपये अग्रिम मंगवा लेते थे। बाद में मोबाइल स्विच आफ कर प्राप्त चेक से रुपये की निकासी कर लेते थे।
श्रुति को ऐसे हुआ ठगी का अहसास
शातिरों ने छपरा मुफस्सिल थाना के मेथवलिया चौक स्थित मेसर्स ठाकुरजी ऑटोमोबाइल की प्रोपराइटर श्रुति कुमारी से 20 लाख 20 हज़ार 500 रुपये की जालसाजी की थी।
जब शोरूम के उद्घाटन के दिन भी स्कूटी और बाइक की खेप नहीं आई, तो उन लोगों ने कंपनी के पते और मेल पर शिकायत भेजी, लेकिन पता फर्जी होने के कारण रजिस्टर्ड डाक वापस आ गया। ठगी का अहसास होने के बाद थाने में शिकायत की।
अखबारों प्रकाशित कराते थे विज्ञापन
आरोपितों को हरियाणा के सोनीपत से गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने छपरा, नालंदा, गया और हरियाणा के भी कई लोगों को शिकार बनाया है। बताया जा रहा है कि शातिरों ने स्थानीय अखबारों में इलेक्ट्रिक बाइक की एजेंसी वितरण के लिए विज्ञापन भी प्रकाशित कराया था।