न्यूज डेक्स :- अगर आपने भी सहारा कंपनी में निवेश किया है और आपके पैसे फंसे हुए है तो यह खबर आपके लिए खुशियां ला सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है। बता दें कि इस पोर्टल का लक्ष्य सहारा समूह से जुड़े करोड़ों जमाकर्ताओं को उनके पैसे वापस पाने में मदद करना है।
सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है आदेश।
सहकारिता मंत्रालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों / जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया। सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च, 2023 को अपने आदेश में सहारा के वास्तविक जमाकर्ताओं के वैध बकाया के भुगतान के लिए सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5000 करोड़ रुपए केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार सीआरसीएस को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया।
शुरुआती चरण में रिफंड पोर्टल जमाकर्ताओं को 5000 करोड़ रुपए तक का भुगतान करेगा। सभी जमाकर्ता को पहले चरण में अधिकतम 10,000 रुपए मिल सकेंगे। शुरुआत में परीक्षण के आधार पर निवेशकों को 10,000 रुपए लौटाए जाएंगे। परीक्षण सफल होने पर रिफंड राशि बढ़ाने की संभावना है।
कुल 4 करोड़ जमाकर्ता कों 10,000 रुपए तक का दवा करने का पात्र है
लगभग 1 करोड़ 7 लाख निवेशक रिफंड पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं और शुरुआती चरण के दौरान 10,000 रुपए तक का दावा कर सकते हैं। कुल 4 करोड़ जमाकर्ता 10,000 रुपए तक का दावा करने के पात्र हैं। दावा करने के लिए जमाकर्ताओं का आधार उनके मोबाइल नंबर और बैंक खातों से जुड़ा होना चाहिए। जमा रसीदें भी देनी होगी रिफंड की आगे की प्रक्रिया के लिए जमाकर्ताओं को एक फॉर्म डाउनलोड करना होगा उसे भरना होगा और पोर्टल पर दोबारा अपलोड करना होगा।
अमित शाह ने आश्वासन दिया कि 45 दिनों के भीतर दावेदारों के बैंक खातों में पैसा जमा कर दिया जाएगा एक बार जब यह पहल सफल हो जाएगी तो सहारा समूह की सहकारी समितियों में फंसी बड़ी रकम वाले जमाकर्ताओं के दावों को संबोधित करने के लिए आगे के निर्णय लिए जाएंगे। कार्यवाही को सुव्यवस्थित और तेज करने के लिए रिफंड की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।
सहारा इंडिया रिफंड पोर्टल से संबंधित कुछ समय तौर पर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब हम आपको बता रहे है।
सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल क्या है?
सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल सहारा समूह की सहकारी समितियों के करोड़ों जमाकर्ताओं के लिए रिफंड प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक मंच है।
शुरुआती चरण में रिफंड पोर्टल जमाकर्ताओं को 5000 करोड़ रुपये तक का भुगतान करेगा प्रत्येक जमाकर्ता पहले चरण में 10,000 रुपए का दावा कर सकेगा यह एक परीक्षण पहल का हिस्सा है और परीक्षण की सफलता के आधार पर रिफंड राशि बढ़ाई जा सकती है।
सहारा रिफंड पोर्टल पर रिफंड का दावा करने के लिए जमाकर्ताओं को दो शर्तों को पूरा करना होगा सबसे पहले उनका आधार उनके मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए. दूसरे, उन्हें रसीद विवरण प्रदान करना होगा और एक फॉर्म भरना होगा जिसे रिफंड की आगे की प्रक्रिया के लिए उन्हें पोर्टल पर फिर से अपलोड करना होगा।
पोर्टल पर दावा दायर करने की तारीख से 45 दिनों के भीतर दावेदारों के बैंक खातों में पैसा जमा कर दिया जाएगा।
सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल का उद्देश्य सहारा समूह की सहकारी समितियों के सदस्यों के हितों की रक्षा करना है। यह उन जमाकर्ताओं के वास्तविक दावों को संबोधित करेगा जिन्होंने सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड , सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड , हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में पैसा निवेश किया था। पोर्टल इन जमाकर्ताओं को अपना पैसा पाने में मदद करेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वैध बकाया