छपरा में एक घर में बम परीक्षण के दौरान छह लोगों मौत हो गई. विश्व हिंदू परिषद के विनोद बंसल ने इसको लेकर ट्वीट किया. उन्होंने कहा, ‘अब बिहार के छपरा में भी घर में बम परीक्षण के दौरान देश के छह ‘होनहार वैज्ञानिक’ फट कर 72 हूरों के पास पहुंच गए.
अब बिहार के छपरा में भी घर में बम परीक्षण के दौरान देश के 6 'होनहार वैज्ञानिक' फट कर 72 हूरों के पास पहुंच गए। राज्य सरकार अभी भी गहन निंद्रा में है!!
— विनोद बंसल Vinod Bansal (@vinod_bansal) July 25, 2022
उन्होंने कहा, ‘अब बिहार के छपरा में भी घर में बम परीक्षण के दौरान देश के छह ‘होनहार वैज्ञानिक’ फट कर 72 हूरों के पास पहुंच गए. राज्य सरकार अभी भी गहन निंद्रा में है.’ विनोद बंसल ने कहा, ‘इतने भीषण विस्फोटों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. बिहार बारूद के ढेर पर है और जिहादी स्वतंत्र हैं, जनता परतंत्र है और सरकार निंद्रा में है. क्या यही सुशासन है? गत पांच वर्षों में 150 विस्फोटों से भी बिहार सरकार नहीं जागी है. भागलपुर, मोतीहारी, गोपालगंज, आरा, खगड़िया, बांका, जमुई, मुजफ्फरपुर और अब छपरा में विस्फोट हुआ.’ विनोद बंसल ने कहा, ये तो वे हैं जो प्रकाश में आए, अप्रकाशित तो अनगिनत हैं.
एक के बाद एक तीन धमाके हुए
बता दें, छपरा में हुए ब्लास्ट में छह लोगों की मौत हो गई. यहां एक के बाद एक तीन धमाके हुए, जिसके बाद पूरा तीन मंजिला मकान जमींदोज हो गया. ब्लास्ट इतना जोरदार था कि तीन किलोमीटर दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी. इमारत का मलबा दूर तक जाकर गिरा. तीन ब्लास्ट के बाद भी वहां रह-रहकर करीब 20 मिनट तक पटाखे फूटते रहे.
इस घटना मरने वालों में पांच लोग एक ही परिवार के हैं. मृतकों में मां, उसके दो बेटे, पोते और बहू शामिल हैं. ब्लास्ट मस्जिद के पास स्थित मोहम्मद रेयाजू मियां के घर में हुआ है. ब्लास्ट के बाद लोगों का कहना है कि गांव में पटाखा बनाने की यह फैक्ट्री गैरकानूनी तरीके से चलाई जा रही थी.
आसपास 10 से ज्यादा पटाखा फैक्ट्रियां
वहीं पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. यहां पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने की घटना पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी खैरा थाना क्षेत्र में बम बनाने के दौरान विस्फोट की घटना हुई थी. इसके साथ ही खोदाईबाग के ओल्हनपुर में भी विस्फोट हो चुका है. बताया जा रहा है कि आसपास में 10 से ज्यादा अवैध पटाखा फैक्ट्रियां हैं.
मार्च में 14 लोगों की हुई थी मौत
बिहार में अवैध पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले इस साल तीन मार्च को भागलपुर में बम बनाते समय हुए विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई थी. यहां शहर के काजवली चक इलाके में देर रात हुए विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई थी.