
बिहार के चर्चित यूट्यूबर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मनीष कश्यप ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने ऐलान किया कि वह शुक्रवार को आधिकारिक रूप से भाजपा से इस्तीफा देंगे.
मनीष ने दावा किया कि उनके यूट्यूब चैनल पर छपरा के दिघवारा थाना क्षेत्र में महिलाओं की पिटाई की खबर प्रसारित करने के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई. उनका कहना है कि इस्तीफा देने के बाद उनकी गिरफ्तारी भी संभव है.
11 यूट्यूबरों पर केस, मनीष कश्यप भी निशाने पर
छपरा के साइबर थाना में 11 यूट्यूबरों के खिलाफ गलत और भ्रामक खबर फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें मनीष कश्यप का नाम भी शामिल है. इसी के विरोध में उन्होंने फेसबुक लाइव आकर भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा की.
मां के कहने पर भाजपा में हुए थे शामिल
मनीष कश्यप ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की सदस्यता ली थी. उन्हें दिल्ली में भाजपा की सदस्यता दी गई थी, जहां उन्होंने जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था कि “मेरी विचारधारा भाजपा से मेल खाती है और मैं अपनी मां के कहने पर इसमें शामिल हुआ हूं.”
चुनावी राजनीति में निभाई थी अहम भूमिका
भाजपा में शामिल होने के बाद मनीष कश्यप ने झारखंड और दिल्ली चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया. झारखंड में उन्होंने कई प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया, वहीं दिल्ली में भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए भी चुनावी मैदान में उतरे. मनोज तिवारी ने ही मनीष कश्यप को भाजपा में शामिल कराने में अहम भूमिका निभाई थी.
आचार संहिता उल्लंघन में फंसे थे मनीष
हाल ही में मनीष कश्यप के निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चाएं भी थीं. इस बीच चुनावी सभा को लेकर उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया. उनके साथ पूर्वी चंपारण के दरपा थाना क्षेत्र निवासी प्रकाश साह समेत 10 अज्ञात लोगों पर भी केस हुआ था.
तमिलनाडु केस से शुरू हुई मुश्किलें
यूट्यूबर मनीष कश्यप की कानूनी परेशानियां 2023 में तब बढ़ गईं, जब तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले को लेकर फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप लगा. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर छापेमारी शुरू की, जिसके बाद वे गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए.
सरेंडर और गिरफ्तारी का सफर
18 मार्च 2023 को बेतिया पुलिस ने उनके घर की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई शुरू की, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने में आत्मसमर्पण कर दिया. उसी दिन पटना से गई EOU की टीम ने उन्हें अपने केस में हिरासत में लिया, पूछताछ के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. मनीष कश्यप का कहना है कि पार्टी छोड़ने के बाद उनकी गिरफ्तारी संभव है. फिलहाल, वे अपने अगले कदम को लेकर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन उनके भविष्य की राजनीति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.