क्या आप अपने बैंक के अलावा किसी दूसरे बैंक के एटीएम यानी ऑटोमेटेड टेलर मशीन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बता दें कि इसका शुल्क बढ़ाने की तैयारी लगभग हो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक एटीएम पर आने वाले खर्च या लागत पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। एक सूत्र के मुताबिक नई सरकार के शपथ ग्रहण करने के बाद शुल्क में बदलाव हो सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक दूसरे बैंक के एटीएम से रकम निकालने या लेनदेन करने पर शुल्क (इंटरचेंज शुल्क) बढ़ाकर 20 से 23 रुपये तक किया जा सकता है और ज्यादा नकदी निकालने पर अतिरिक्त सुविधा शुल्क भी लिया जा सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, किराये, ईंधन के खर्च, नकदी भरने के शुल्क और गृह मंत्रालय की सुरक्षा शर्तों का पालन करने के कारण लागत बहुत बढ़ गई है। दरअसल, 2,000 रुपये के नोट बंद होने के बाद अब एटीएम में नोट भी ज्यादा बार भरने पड़ते हैं। उद्योग इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाकर 20 रुपये किए जाने के लिए तैयार था मगर सुनने में आ रहा है कि कैसेट बदलने के खर्च की भरपाई के लिए इसे बढ़ाकर 23 रुपये किया जा सकता है।
कम पैठ वाले इलाकों में लगेंगे एटीएम
एटीएम इंटरचेंज शुल्क व्यवस्था की समीक्षा के लिए गठित समिति की रिपोर्ट एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। बैंकों की कम पैठ वाले इलाकों में एटीएम लगाने का काम तेज करने के लिए रिजर्व बैंक ने इस समिति का गठन किया था। आईबीए के तत्कालीन सीईओ वीजी कन्नन की अध्यक्षता वाली समिति ने रिपोर्ट अक्तूबर 2019 में सौंप दी थी।
क्या है इंटरचेंज शुल्क
जब आप किसी दूसरे बैंक के एटीएम पर जाकर लेनदेन करते हैं तो यह शुल्क आपके बैंक से वसूला जाता है। पहले यह शुल्क 15 रुपये प्रति लेनदेन था, जिसे 1 अगस्त 2021 को बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया गया। गैर वित्तीय लेनदेन पर शुल्क 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया गया। मगर 2012 में एटीएम इंटरचेंज शुल्क 18 रुपये था, जिसे घटाकर 15 रुपये किया गया था।