
सारण डेस्क :- तरैया प्रखंड में मिड डे मील की व्यवस्था वर्तमान में विफल हो गई है, जिससे जरूरतमंद बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मध्याह्न भोजन से बच्चों को न केवल पोषण मिलता था, बल्कि यह उनकी पढ़ाई में भी सहायक था, खासकर उन बच्चों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं और जिन्हें अपने अगले भोजन की चिंता नही करनी होती थी।
सितंबर से इस सेवा के बंद होने से बच्चे परेशान हैं। क्या मध्याह्न भोजन योजना में बच्चों के निवाले की हकमारी हो रही है? क्या इसकी जांच नहीं की जानी चाहिए? तरैया बाजार स्थित आदर्श मध्य विद्यालय में बुधवार को बच्चों को मिड डे मील न मिलना इसका एक उदाहरण है।
बुधवार को विद्यालय में एमडीएम योजना की पड़ताल की गई तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक बबन सहनी द्वारा बताया गया कि पिछले माह एक सितंबर से चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा है। कुल 821 नामांकित में 452 बच्चे उपस्थित है। कुछ बच्चे भूख लगने का कारण बता विद्यालय से चले जाते है, जिनका पठन पालन प्रभावित होता है। वही विद्यालय में मध्यांतर होते हैं बच्चे भूख से तिलमिया जाते है तो विद्यालय से बाहर दुकान से समोसे पकौड़ी खाने को मजबूर हो जाते है।
उससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। कुछ बच्चे घर से खाना लेकर आते है जो मध्यांतर के बाद भोजन करते नजर आते है। यही हाल तरैया बाजार स्थित कन्या मध्य विद्यालय का भी है। इस विद्यालय में भी पिछले 15 दिनों से मिड डे मील नहीं बन पा रहा है।
इसका कारण चावल का अभाव होना है। इस संबंध में प्रधानाध्यापक सह डीडीओ सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय में चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन नहीं बन पा रहा है। इस माह 01 अक्टूबर से एमडीएम योजना बंद है। विद्यालय में कुल 447 में 252 बच्चे उपस्थित है। कुछ बच्चे घर से लाया खाना खाते है तो कुछ बच्चे बाजार की तरफ रुख कर अपना भूख मिटाते है। कुछ बच्चे भूख लगा कह विद्यालय से चले जाते है। एमडीएम का संचालन नहीं होने से बच्चे का पठन पाठन भी प्रभावित होता है।
चावल की कमी के कारण प्रखंड के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन वितरण रुका हुआ है, जिला स्तर से चावल आवंटन के तत्काल बाद विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन प्रदान किया जाएगा। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम कुमार सिंह
प्रखंड में कुल 89 विद्यालय में एमडीएम योजना संचालित है। चावल के अभाव में 20 प्रतिशत विद्यालय को छोड़ 80 प्रतिशत विद्यालय में यह योजना बंद है। जिले से चावल का आवंटन होते ही मध्याह्न भोजन शुरू कर दिया जाएगा। प्रखंड साधन सेवी चंदेश्वर महतो