सारण डेस्क:- इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 3.39 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. जिसके मद्देनज़र कल ही से मुनादी कराकर दियारा के निचले इलाकों को खाली कर ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने की लोगों से अपील की गईं है, जबकि नदी तट पर नहीं जाने और नीजी नावों के परिचालन पर रोक के निर्देश दिये गए हैं. नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर बांधों के सतत निगरानी में प्रशासन और जल संसाधन विभाग की टीम जुटी हुई है. अभियंता और SDRF की टुकड़ी को तैनात किया गया है, ताकि आपदा जैसी घड़ी में निपटा जा सके.
वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 24 घंटे नदी के जलस्तर की मॉनिटरिंग की जा रही है. एहतियातन गंडक बराज के सभी 36 फाटक उठा दिये गए हैं. फाटक खोले जाने के बाद नदी के जलस्तर को लेकर चारों ओर चौकसी बढ़ा दीं गईं है. सभी अधिकारियों और कर्मियों की छुट्टियां फिलहाल रद्द कर दी गई है. भारतीय क्षेत्र के गंडक नदी में 3.93 लाख क्यूसेक पानी के तेज बहाव को लेकर अलर्ट है. इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज पर ऑटोमेटिक और मैनुअल तरीकों से मॉनिटरिंग की जा रही है
जल संसाधन विभाग ने शुक्रवार को जानकारी दी कि 27 सितंबर से पड़ोसी देश नेपाल में भारी बारिश हो रही है, जिसकी वजह से आगामी 48 घंटों के दौरान नेपाल से निकलने वाली गंडक, कोशी, महानंदा आदि नदियों में अप्रत्याशित पानी का बहाव होने की संभावना है.
जल संसाधन विभाग के बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र, पटना द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 27-28 सितंबर की मध्य रात्रि 12 बजे वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज से 6.00 लाख क्यूसेक और 28 सितंबर को दोपहर 12:00 बजे वीरपुर स्थित कोशी बराज से 6.81 लाख क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित होने की संभावना है, जो अबतक प्रवाहित अधिकतम जलश्राव के नजदीक होगा.
जल संसाधन विभाग की बैठक
इस संभावित स्थिति के संदर्भ में विभागीय स्तर पर प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक की गई. इसमें अभियंता प्रमुख, बाढ़ नियंत्रण, जल निस्सरण और अभियंता प्रमुख, मुख्यालय समेत अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित रहे. उच्चस्तरीय बैठक के दौरान स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्णय लिये गये.
संवेदनशील स्थलों पर कैम्प करने का निर्देश
विभाग द्वारा सभी क्षेत्रीय अभियंताओं को तटबंधों और संरचनाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से आगामी 48 घंटों तक संवेदनशील, अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैम्प करने का निर्देश दिया गया है. सभी स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ से बचाव वाली सामग्रियों का भंडारण कराया गया है. साथ ही आवश्यकतानुसार संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थलों के बेहतर पर्यवेक्षण के लिए अतिरिक्त अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है. विभाग के अंतर्गत सभी पदाधिकारियों का अवकाश अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है.
तटबंधों के सुरक्षा की निगरानी
संभावित आपदा की स्थिति के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन को भी सभी आवश्यक ऐहतियाती कार्रवाई करने, तटबंध के नदी भाग में रहने वालों को जानकारी देते हुए कार्रवाई करने और बाढ़ आपदा के लिए जिला प्रशासन के स्तर से गश्ती सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया है. सभी तटबंधों के सुरक्षा की निगरानी और चौकसी बरती जा रही है.